Vijayadashami 2024 : विजयादशमी क्यों मनाते है? इसकी संपूर्ण जानकारी

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Vijayadashami 2024 : विजयादशमी को दशहरा के नाम से भी जाना जाता है इस दिन श्री राम ने लंकापति रावण और देवी ने महिषासुर नामक राक्षस का संहार किया था  रावण भगवान राम की पत्नी देवी सीता का अपहरण कर लंका ले गया था। भगवान राम युद्ध की देवी मां दुर्गा के भक्त थे,उन्होंने युद्ध के दौरान पहले नौ दिनों तक मां दुर्गा की पूजा की और दसवें दिन दुष्ट रावण का वध किया।

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लंकापति रावण कौन था? 🤔

लंकापति रावण

  • देव और दैत्य सौतेले भाई हैं, निरंतर झगड़ते हैं।
  • महर्षि कश्यप की पत्नी अदिति से देव और दिति से दैत्य जन्मे।
  • दिति की गलत शिक्षाओं के कारण दैत्य देवताओं के कट्टर शत्रु बन गए।
  • सागर मंथन
    • देवताओं ने ब्रह्मा जी से मदद मांगी।
    • ब्रह्मा जी ने सागर मंथन की सलाह दी, जिसमें दैत्य भी शामिल होने चाहिए।
    • देवताओं ने दैत्यों को रत्नों का लालच देकर मंथन के लिए राजी किया।
    • मंदराचल पर्वत को मथने के लिए सर्प राजा वासुकी को बुलाया गया।
  • विष का प्रकट होना
    • मंथन के दौरान हलाहल विष निकला, जिससे सभी मूर्छित होने लगे।
    • भगवान शिव ने विष पी लिया, कंठ नीला हुआ, और नीलकंठ कहलाए।
  • रत्नों का निकास
    • चंद्रमा ने शिव की शीतलता के लिए उनके मस्तक पर स्थान पाया।
    • कामधेनु गाय, महालक्ष्मी, ऐरावत हाथी, और अन्य रत्न निकले।
    • दानवों ने उच्चैःश्रवा घोड़ा देवताओं को दिया।
  • अमृत की प्राप्ति
    • धन्वंतरि अमृत कलश लेकर आए, दानवों ने उसे बलपूर्वक लेने की कोशिश की।
    • मोहिनी रूप में भगवान विष्णु ने दानवों को अमृत बांटने का प्रस्ताव दिया।
  • एक दानव ने धोखे से अमृत पिया और राहु के रूप में जाना गया।
  • दानवों की योजना
    • दानवों ने ब्राह्मण पुत्र की मदद से देवताओं को हराने की योजना बनाई।
    • दानवों ने तय किया कि अपनी कन्या का दान श्रेष्ठ ब्राह्मण को देंगे।
  • केशिनी का निर्णय
    • केशिनी, दानव की पुत्री, ने विश्रवा से विवाह की इच्छा व्यक्त की।
    • विश्रवा ने केशिनी की दृढ़ता और सच्चाई को स्वीकार किया।
    • दानवों ने विवाह को एक महत्वपूर्ण अवसर माना।
  • रावण का जन्म
    • विश्रवा और केशिनी के पुत्र का नाम रावण रखा गया।
    • रावण ने वेदों का ज्ञान प्राप्त किया और भविष्य में देवताओं और दानवों के संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

विजयादशमी कैसे मनाते है? 😊

  • रामलीला का मंचन
    • रामायण की कथा का नाटकीय प्रदर्शन, जिसमें राम, सीता और रावण के पात्र शामिल होते हैं।
    • इस दौरान रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले जलाए जाते हैं।
  • रावण दहन
    • रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के बड़े पुतले तैयार किए जाते हैं।
    • लोग इन पुतलों को जलाते हैं, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
  • दक्षिण भारत में उत्सव
    • यहाँ विजयादशमी को ‘नवरत्री’ के अंत के रूप में मनाया जाता है।
    • देवी दुर्गा की पूजा की जाती है, और इस दिन को माता के आशीर्वाद के रूप में मानते हैं।
  • पूजा और आशीर्वाद
    • घरों में देवी-देवताओं की पूजा की जाती है।
    • विशेष प्रसाद और मिठाइयाँ तैयार की जाती हैं।
  • सामाजिक कार्यक्रम
    • मित्रों और परिवार के साथ मिलकर समारोह आयोजित किए जाते हैं।
    • सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है।
  • नई शुरुआत
    • विजयादशमी के दिन नए काम की शुरुआत करने की परंपरा है।
    • इसे ज्ञान, शक्ति और सफलता का प्रतीक माना जाता है।
  • स्नान और उपवास
    • कई लोग इस दिन स्नान करते हैं और उपवास रखते हैं।
    • विशेष रूप से देवी दुर्गा की पूजा के दौरान उपवास का महत्व है।
  • संपत्ति का पूजन
    • कई व्यापारी वर्ग के लोग अपने कारोबार की पूजा करते हैं और नए खाता-बही की शुरुआत करते हैं।

विजयादशमी का महत्व 🙂

  • 1. अच्छाई की बुराई पर विजय
    • विजयादशमी का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह रावण के जलाने के साथ जुड़ा हुआ है, जो अधर्म का प्रतीक है।
  • 2. रामायण की कथा
    • यह त्योहार भगवान राम की जीवन गाथा का स्मरण कराता है, जिसमें उन्होंने माता सीता को बचाने के लिए रावण का वध किया। यह कर्तव्य, धर्म और निष्ठा का प्रतीक है।
  • 3. नवरात्रि का अंत
    • विजयादशमी नवरात्रि के 9 दिनों के उपवास और पूजा का समापन करता है। यह माता दुर्गा की आराधना का भी महत्वपूर्ण दिन है।
  • 4. नई शुरुआत
    • यह दिन नए कार्यों की शुरुआत करने के लिए शुभ माना जाता है। व्यापारी वर्ग इस दिन अपने नए खाता-बही की शुरुआत करते हैं।
  • 5. सामाजिक एकता
    • विजयादशमी का पर्व समुदायों को एक साथ लाता है। यह सामूहिक समारोहों, रामलीला और रावण दहन के माध्यम से सामाजिक एकता को बढ़ावा देता है।
  • 6. संस्कृति और परंपरा का संरक्षण
    • यह त्योहार भारतीय संस्कृति और परंपराओं को जीवित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। रामलीला और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से हमारी सांस्कृतिक धरोहर को सहेजा जाता है।
  • 7. आध्यात्मिक उन्नति
    • इस दिन की पूजा और साधना से व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है।
    • विजयादशमी का पर्व न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, जो हमें अच्छाई, कर्तव्य और निष्ठा का पाठ पढ़ाता है।

विजयादशमी के बारे में अधिक जानकारी 😇

विजयादशमी के बारे अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करके जानकारी प्राप्त कर सकते है।

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दिनांक12 अक्टूबर 2024
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